जय हिन्द...

शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2020

 सम्मान, स्वाभिमान और गर्व की भाषा है हिन्दी



बाल कवियों  की रचनाओं ने किया मंत्रमुग्ध
मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग ने ऑनलाइन किया हिन्दी दिवस का आयोजन
रायपुर। हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता को अक्षुण बनाए रखने में हिन्दी भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका है। हिन्दी समृद्ध और सरल भाषा होने के साथ-साथ दुनियाभर में हमें सम्मान भी दिलाती है। यह हमारे सम्मान, स्वाभिमान और गर्व की भाषा है ।
यह बातें मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा 14 सितंबर को आयोजित ऑनलाइन हिन्दी दिवस समारोह में अतिथियों ने कहीं। मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने बताया कि 14 सितंबर को  मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी दिवस समारोह का अॅानलाइन आयोजन किया गया। समारोह की मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की वरिष्ठ साहित्यकार एवं दैनिक समाचार पत्र देशबंधु के ’मड़ई’ अंक की संपादक श्रीमती सुधा वर्मा एवं राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कवयित्री श्रीमती शालू सूर्या थीं। समारोह में शालू सूर्या की पुत्रियों छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध बाल कवयित्री 12 वर्षीय भव्या सूर्या एवं 10 वर्षीय लक्ष्या सूर्या ने अपनी रचनाओं से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
समारोह की मुख्य अतिथि एवं वक्ता वरिष्ठ महिला साहित्यकार सुधा वर्मा ने कहा कि हिन्दी विदेशों में काफी फल-फूल रही है जो हर्ष का विषय़ है। विदेशों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार की दिशा में कफी अच्छे प्रयास हो रहे हैं। विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध कवयित्री राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त शालू सूर्या ने कहा कि हमें हर दिन हिन्दी दिवस मनाना चाहिए क्योंकि इसके बिना हमारी संस्कृति अधूरी है। उन्होंने हिन्दी भाषा पर दोहे और छंद भी सुनाए। उन्होंने कहा कि हिन्दी हमें एकता के सूत्र में पिरोये रखती है और बच्चे जब जन्म लेते हैं तो सबसे पहले हिन्दी में ही माँ शब्द का उच्चारण करते हैं। समारोह में छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध बाल कवि 12 वर्षीय भव्या सूर्या और 10 वर्षीय लक्ष्या सूर्या ने राष्ट्रभक्ति और देश प्रेम से परिपूर्ण रचनाओं से सभी का मन मोह लिया। लक्ष्या सूर्या ने अपनी रचनाओं के माध्यम से कोरोना के प्रति लोगों को जागरुक किया। इन बाल रचनाकारों का सभी ने उत्साहवर्धन किया एवं उनकी रचनाओं की सराहना की। दोनों बाल रचनाकारों ने काफी अच्छी रचनाएँ प्रस्तुत कीं जिसका सभी ने लुत्फ उठाया। इस अवसर पर मैट्स विश्वविद्यालय की उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांढ ने कहा कि  वैश्विक स्तर पर हिन्दी के प्रचार-प्रसार की दिशा में अनेक सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। हिन्दी में भी कैरियर के अनेक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा ने कहा कि भारत में बहुत सी भाषाएँ हैं लेकिन हिन्दी ने देश की एकता व अखंडता को बनाए रखा है। साउथ, नार्थ-ईस्ट में भी हिन्दी का महत्व बढ़ा है। इस अवसर पर कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया सहित मैट्स परिवार ने हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ दीं।
इसके पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि हिन्दी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष हिन्दी सप्ताह का आयोजन किया जाता रहा है। इस वर्ष ऑनलाइन आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत विद्यारथियों ने तात्कालिक भाषण, काव्य पाठ आदि स्पर्धाओं में हिस्सा लिया। हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं विकास के लिए हिन्दी विभाग द्वारा पिछले कई वर्षों से विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। मैट्स विश्वविद्यलाय के कुलसचिव श्री गोकुलनानंदा पंडा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापकगण डॉ. रमणी चंद्राकर, डॉ. सुनीता तिवारी, मधुबाला शुक्ला, डॉ. कमलेश गोगिया सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण, विद्यार्थीगण एवं गणमान्य नागरिकगण ऑनलाइन उपस्थित थे।


 व्यायाम को बना लें जीवन का अभिन्न अंग



शॉर्ट नहीं, लाइफ टाइम के लिए चुनें फिटनेस
अभिनेता पवन शेट्टी और संजय शर्मा ने मैट्स के विद्यार्थियों को दी ऑनलाइन फिटनेस ट्रेनिंग
रायपुर। मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा ’फिटनेस मंत्र’ विषय पर ऑनलाइन अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें शरीर सौष्ठव के क्षेत्र में मिस्टर वर्ल्ड का खिताब हासिल कर चुके साउथ के सिने अभिनेता श्री पवन शेट्टी एवं शरीर सौष्ठव के राष्ट्रीय खिलाड़ी, प्रशिक्षक एवं अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक श्री संजय शर्मा ने विद्यार्थियों को फिटनेस के बेसिक टिप्स दिये जिससे युवा पीढ़ी स्वयं को स्वस्थ रख सके।
हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य वर्तमान कठिन परिस्थितयों में युवाओं को स्वस्थ एवं फिट रहने की सहज व सरल तकनीक से अवगत कराना था। विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को ऑनलाइन वेट ट्रेनिंग की आधारभूत तकनीक का प्रशिक्षण भी दिया। इस अवसर पर खनिज अधिकारी एवं शरीर सौष्ठव के अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक श्री संजय शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में सभी को अपनी दिनचर्या में व्यायाम को अभिन्न अंग बना लेना चाहिए जिसकी आज आवश्यकता है। श्री शर्मा ने विद्यार्थियों को जिम की कुछ बेसिक तकनीक का प्रशिक्षण दिया जिसे हर कोई घर पर आसनी से बिना किसी विशेष उपकरणों के कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें स्वयं को फिट रखने के लिए आलस्य त्यागकर योगा, जिम आदि को लाइफ स्टाइल में शामिल करना चाहिए। शरीर स्वस्थ रहेगा तो मन और मस्तिष्क भी स्वस्थ रहेगा और हमारे व्यक्तित्व का विकास होगा। हमें जंक फूड को त्यागकर घर के ही दाल-चावल, सोयाबीन, न्यूट्रीला आदि को महत्व देना चाहिए।
शरीर सौष्ठव में मिस्टर वर्ल्ड का खिताब जीत चुके साउथ फिल्मों के अभिनेता श्री पवन शेट्टी ने कहा कि कम से कम 30 मिनट अपने जीवन को प्रतिदिन व्यायम के लिए दीजिए। कुछ सालों में आपका जीवन बदल जाएगा। हमें व्यायाम को जीवन-भर के लिए चुनना चाहिये न कि कुछ दिने विशेष के लिए। हमें शॉर्ट नहीं लाइफ टाइम के लिए फिटनेस का चुनाव करना चाहिए। शरीर सौष्ठव से लेकर अभिनेता बनने तक के सफर को लेकर उन्होंने कहा कि मेरे जीवन का पहला सबसे अनमोल पल तब आया जब मेरे पिता ने मुझे जिम जाने की अनुमति दी और दूसरा अनमोल पल वर्ष 2015 में जब मैने इटली में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मिस्टर वर्ल्ड का खिताब जीता। यहाँ तक पहुँचने में मुझे 10 वर्ष लगे लेकिन मेरा जीवन बदल गया। इसके बाद जिम का व्यवसाय प्रारंभ किया। कर्नाटक में मेरे चार जिम हैं और फिर मुझे फिल्मों से भी ऑफर आया। मुझे फिल्मों में ही अपने कैरियर को ऊचाइयों तक पहुँचाना है। उन्होंने बताया कि जिम में वर्कआउट करने से पहले 15 से 20 मिनट उस संबंध में प्रतिदिन पढ़ना जरूरी है। गूगल से या फिर पत्र-पत्रिकाएँ, रिसर्च पेपेर आदि। एक अच्छा प्रशिक्षक आवश्यक है और अपनी जीवन शैली व शारीरिक संरचना के आधार पर डाइट फालो करना जरूरी है। विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिये। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष हिन्दी डॉ. रेशमा अंसारी ने विषय विशेषज्ञों द्वारा विद्यार्थियों को दिये गये अपने कीमती समय के लिए आभार व्यक्त किया। व्याख्यान में विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष. प्राध्यापकगण एवं अनेक संख्या में विद्यार्थीगण आनलाइन उपस्थित थे। मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया, कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा, उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांढ, एकेडमिक डीन डॉ. एस.पी. दुबे ने अतिथियों को शुभकामनाएँ देते हुए विद्यार्थियों को दिये गये फिटनेस टिप्स को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाने के लिए प्रेरित किया।




 लॉकडाउन के दौरान मैट्स ने किया ऑनलाइन पीटीएम का आयोजन

विद्यार्थियों के परिजनों से प्राध्यापकों एवं विभागाध्यक्षों ने की चर्चा, लॉकडाउन 
के नियमों का पालन करने का भी दिया संदेश


रायपुर।  मैट्स विश्वविद्यालय के सभी विभागों द्वारा लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन के साथ-साथ पीटीएम (पैरेंट्स-टीचर मीटिंग) का भी आयोजन किया जा रहा है। पीटीएम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग से हुई। इसके उपरांत हिन्दी, अंग्रेजी, आईटी, प्रबंधन, लाइफ साइंस, साइकोलॉजी, इंजीनियरिंग सहित सभी विभागों के प्राध्यापकों एवं विभागाध्यक्षों ने विद्यार्थियों के परिजनों से ऑनलाइन मुलाकात की तथा प्रगति की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक सुझाव भी दिये।
मैट्स विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक सेमेस्टर में पीटीएम का आयोजन किया जाता है जिससे विद्यार्थियों की प्रगति की जानकारी अभिभावकों को दी जा सके एवं विद्यार्थियों की पढ़ाई से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ विश्वविद्यालय द्वारा दी जी रही शैक्षणिक सुविधाओं के संबंध में प्रतिक्रिया प्राप्त की जा सके। पीटीएम के आयोजन की शुरुआत विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश गुप्ता ने की। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन पीटीएम में विभिन्न सेमेस्टर के लगभग 200 विद्यार्थियों के परिजनों ने अलग-अलग समय में हिस्सा लिया। अभिभावकों ने लॉकडाउन के दौरान मैट्स विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं के नियमित संचालन एवं पीटीएम की सराहना की। विभागाध्यक्ष द्वारा परिजनों एवं विद्यार्थियों से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने का संदेश भी दिया गया। विश्वविद्यालय के अन्य विभागों द्वारा भी समय-समय पर ऑनलाइन पीटीएम का आयोजन किया जा रहा है। मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, उपकलुपति डॉ. दीपिका ढांढ, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया ने इन प्रयासों को सराहनीय बताया है।


 अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे मैट्स के विद्यार्थी

ग्लोबल अंडरस्टेंडिंग प्रोग्राम के अंतर्गत ईस्ट कैरोलिना यूनिवर्सिटी से मैट्स स्कूल ऑफ मैनेजमेंट
 स्ट़डीज एंड रिसर्च का एमओयू, विश्व के अनेक देश शामिल
रायपुर मैट्स विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्ट़डीज एंड रिसर्च के विद्यार्थी ग्लोबल अंडरस्टेंडिंग प्रोग्राम के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। मैट्स के विद्यार्थी एमओयू के तहत बीजिंग यूनिवर्सिटी, चीन के मैनेजमेंट के विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा करते हैं। इस प्रोग्राम में विश्व के 120 देशों के विद्यार्थी जुड़े हुए हैं जिनमें मैट्स विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग के विद्यार्थी एवं प्राध्यापक भी शामिल हैं।
मैट्स विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा ने बताया कि मैट्स विश्वविद्यालय ने ग्लोबल अंडरस्टेंडिंग प्रोग्राम के अंतर्गत ईस्ट कैरोलिना यूनिवर्सिटी, ग्रीनविले, नॉर्थ कैरोलिना यूएसए के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है। यह एमओयू उच्च शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीय उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। यह एक औपचारिक सहयोगी संबंध की स्थापना को आगे बढ़ाने के लिए इन संस्थानों के बीच सहमति को दर्शाता है। ग्लोबल अंडरस्टेंडिंग प्रोग्राम में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च (एमएसएमएसआर) का एक हिस्सा होने के नाते, छात्र बिजनेस कॉलेज ऑफ बीजिंग यूनियन यूनिवर्सिटी (बीजिंग विश्वविद्यालय), चीन के प्रबंधन विभाग के छात्रों के साथ वैश्विक अनुभव सझा करते हैं। इसके पूर्व मार्च माह में मैट्स के विद्यार्थियों ने पौलेंड के विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा किये थे एवं उनकी संस्कृति की जानकारी प्राप्त की थी। प्रति माह शैड्यूल के आधार पर विद्यार्थी अलग-अलग देशों के विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों से चर्चा कर वैश्विक स्तर पर अनुभव प्राप्त करते हैं। ऑनलाइन सत्र का समन्वय एमएसएमएसआर के विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक डॉ. श्रीनिवास राव के निर्देशन में सहायक प्राध्यापक डॉ. संज्या यादव और डॉ. हेमंत कुमार द्वरा किया जाता है। 
श्री पंडा ने बताया कि इसके साथ ही विश्वविद्यालय के अन्य सभी विभागों द्वारा नियमित रूप से सभी पाठ्यक्रमों में आनलाइन कक्षाएँ लगाई जा रही हैं तथा विद्यार्थियों को लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के निर्देश दिये जा रहे हैं। मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, उपकलुपति डॉ. दीपिका ढांढ, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया ने इन प्रयासों को सराहनीय बताया है।